दुनिया हुसैन की है, जमाना हुसैन का…, अकीदत के साथ मनाया गया नवासए रसूल इमाम हुसैन का जन्मदिन
‘दुनिया हुसैन की है, जमाना हुसैन का, करबल में लुट गया था घराना हुसैन का, दुनिया हुसैन की है’, ‘हमको हुसैनी जाम पिला जाइये हुसैन, इस सरजमीने हिंद पर आ जाइये हुसैन’की धुन सुनते ही लोगों की आंखें भर आईं। बैण्ड पर बज रही धुन सुन लोगों की आंखों से खुशी के आंसू निकल पड़े।
यह नजारा शुक्रवार को नवासए रसूल और शिया मुसलमानों के तीसरे इमाम, हजरत इमाम हुसैन के जन्मदिन की खुशी में निकले जुलूसे मसर्रत में देखने को मिला। इमाम हुसैन के जन्मदिन की खुशी में सआदतगंज के रौजए काजमैन से जुलूसे मसर्रत निकाला गया जो विभिन्न रास्तों से होता हुआ रुस्तम नगर स्थित दरगाह हजरत अब्बास पहुंच कर सम्पन्न हुआ।
वहीं इमाम हुसैन के जन्मदिन की खुशी में शहर के अलग-अलग इलाकों में महफिल-मीलाद, नज्र-नियाज और दस्तरख्वान का आयोजन किया गया। अकीदतमंदों ने राजधानी के अलग-अलग स्थानों पर लंगर और सबीलों का आयोजन किया, जहां से लोगों को चाय-कॉफी, शर्बत, पूड़ी-सब्जी आदि का वितरण किया गया और इमाम हुसैन के संदेश लोगों तक पहुंचाये गये। अकीदतमंदों ने अपने घर, इमामबाड़ों और मस्जिदों में रोशनी से सजावट की।
इमाम हुसैन के जन्मदिन की खुशी में शुक्रवार को सआदतगंज के काजमैन से जुलूसे मसर्रत निकाला गया। अब्बास फाउंडेशन की ओर से निकाले गये जुलूस में लाल-पीले झंडों के साथ दर्जनों की संख्या में बच्चे नारए हैदरी-या अली, हुसैन जिंदाबाद-हुसैन जिंदाबाद के नारे लगाते चल रहे थे।
रौजए काजमैन से निकले जुलूस में हाथी, ऊंट और घोड़ों पर छोटे बच्चे अपने हाथों में रंग-बिरंग झंडे लिए बैठे थे। जुलूस के मार्ग में जगह-जगह सबीलों का आयोजन किया गया था, जहां से लोगों को पानी, शर्बत और मिठाई सहित अन्य खाद्य पदार्थों का वितरण किया जा रहा था। जुलूस टापे वाली गली, हसनपुरिया, कश्मीरी मोहल्ला होते हुए रुस्तम नगर होते हुए दरगाह हजरत अब्बास पहुंचा, जहां जुलूस का स्वागत आतिशबाजी से किया गया। जुलूस के स्वागत में रास्ते भर लोगों ने छतों से फूल और गुलाब की पंखुडिय़ा उड़ाईं। जुलूस में शामिल अकीदतमंदों ने गहवारे की जियारत की और दुआएं मांगी। जुलूस के समापन पर दरगाह में महफिल और लंगर का आयोजन किया गया।
वहीं ठाकुरगंज के मुफ्तीगंज स्थित बेल वाले टीले से भी जुलूसे पैगाम-ए-मसर्रत निकाला गया जो गिरधारी लाल माथुर रोड, हैदर कॉलोनी, जाफरिया कॉलोनी होते हुए मीरन साहब के इमामबाड़े में सम्पन्न हुआ।
इससे पहले हुई महफिल को मौलाना हसन जहीर ने खिताब किया और शायरों ने बारगाहे इमामत में अपना नजराना पेश किया। जुलूस के दौरान मौलाना मिर्जा एजाज अतहर और मौलाना मिर्जा जाफर अब्बास ने भी तकरीर की।